Jabalpur News: साइबर ठगों के झूठे अपहरण का पर्दाफाश, पीड़ित महिला को किया गया रेस्क्यू
Jabalpur News: Fake kidnapping by cyber thugs exposed, victim woman rescued

आर्य समय संवाददाता जबलपुर। जबलपुर पुलिस ने लंबी जांच के बाद सायबर ठगी और अपहरण के एक अनोखे मामले का पर्दाफाश किया है। इतना ही नहीं पुलिस ने ठगों के जाल में पूरी तरह फंस चुकी महिला को भी सफलता पूर्वक रेस्क्यू कर लिया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (जोन 2) समर वर्मा ने आज पत्रकारों को बताया कि थाना बरगी में 4 मई को 58 वर्षीय महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी 36 वर्षीय बेटी विनीता (काल्पनिक नाम) 23 अप्रैल को मेहमानी में उसके घर आयी थी। 26 अप्रैल की दोपहर लगभग 12 बजे कुछ काम से बरगी जाने की कहकर गयी थी, जो रात तक वापस नहीं आयी। पुलिस द्वारा रिपोर्ट पर गुम इंसान क्रमांक 34/25 कायम कर जांच में लिया गया।
अपहरण की मिली धमकी - गुमशुदा की तलाश हेतु हर संभावित स्थानों पर दबिश दी गयी। गुमशुदा का कुछ पता नहीं चला। इस दौरान 1 जून को परिवारजनों ने बताया कि अज्ञात मोबाइल नम्बर धारक द्वारा विनीता (काल्पनिक नाम) को अपहरण कर बंधक बनाने एवं पैसों की मांग करने, शरीर के आर्गन निकालकर शरीर बरगी एवं जबलपुर में फेंकने की धमकी दी गयी है। व्हाटसएप्प काॅल, आडियो वीडियो रिकार्डिंग एवं व्हाटसएप मैसेज के अवलोकन पर अज्ञात मोबाइल धारक के द्वारा गुमशुदा विनीता (काल्पनिक नाम) को अपहरण कर बंधक बनाते हुए पैसों की मांग करने एवं शरीर के आर्गन निकालकर जान से मारने की धमकी देने पर अज्ञात मोबाइल नम्बर धारक के विरूद्ध थाना बरगी में 8 जून को अपराध क्रमांक 253/25 घारा 140 (1), 140(2), 140 (3) बीएनएस का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
गठित की गई जांच टीम - पुलिस अधीक्षक जबलपुर सम्पत उपाध्याय (मा.पु.से.) द्वारा घटना को गम्भीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (जोन 2) समर वर्मा एवं एसडीओपी बरगी अंजुल अयंक मिश्रा के मार्गनिर्देशन में 4 टीमें बनाई गई। थाना प्रभारी बरगी कमलेश चौरिया, उप निरीक्षक मुनेश कोल, उप निरीक्षक संतोश पाण्डे, मनीश बंसेडिया को विभिन्न राज्यों में तलाश पतासाजी हेतु निर्देशित किया गया था तथा थाना प्रभारी चरगवों उप निरीक्षक अभिषेक प्यासी एवं चौकी प्रभारी बरगी नगर सरिता पटेल को स्थानीय स्तर पर पतासाजी हेतु लगाया गया।
दिल्ली में मिली महिला - वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में टीमों द्वारा उदयपुर, जैसलमेर, दिल्ली आदि कई शहरों में दविश दी गयी। प्रकरण में तकनीकी जानकारी के आधार पर थाना प्रभारी बरगी कमलेश चौरिया के नेतृत्व में टीम ने ग्रेटर नोएडा, दिल्ली में दबिश देते हुए 16 जून को महिला को सकुशल दस्तयाब किया। महिला से पूछताछ करने पर पाया गया कि श्रीमती विनीता (काल्पनिक नाम) एक आशा कार्यकर्ता है।
ठगों ने ऐसे फंसाया जाल में - होली के आसपास श्रीमती विनीता (काल्पनिक नाम) से साइबर ठग द्वारा संपर्क किया गया। जिसके द्वारा लॉटरी जीतने से सोना-चांदी के आभूषण मिलने के संबंध में लालच देकर पैसों की मांग की गई। महिला ठगों की बातों में आ गई और उसके द्वारा ठगों के खातों में पैसे डाले गए। बाद में ठग द्वारा और पैसों की मांग यह कहते हुए की गई कि उसे सोने के साथ पुलिस ने पकड लिया है। अगर महिला और पैसे नहीं देती है तो उसे भी पुलिस पकड़ लेगी। जिससे महिला डर गई और उसके द्वारा साइबर ठग की बातों में आकर अलग अलग समय पर लगभग 4 लाख रुपए साइबर ठग के खाते में डाले गए। साइबर ठग की बातों से और घर वालो से पैसों के संबंध में पूछताछ से परेशान होकर महिला द्वारा कही बाहर जाकर पैसा कमाकर अपने आभूषण लेने का सोचा गया और महिला 27 अप्रैल 2025 को बिना अपने घर वालो को बताए चली गई थी।
लगभग 1 माह तक दिल्ली, मुंबई, सूरत इत्यादि शहरों में घूमती रही तथा साइबर ठग के संपर्क में रही जो गहिला को लगातार गुमराह करता रहा। 1 जून 2025 को साइबर ठग की बातों में आकर महिला द्वारा घर वालो को गुमराह करते हुए अपने अपहरण के संबंध में और उनसे पैसों की मांग करने हेतु स्वयं अपने अपहरण के कुछ वीडियो बनाकर साइबर ठग को भेजे जिसे उग द्वारा महिला के घर वालो को भेजकर पैसों की मांग की गई।
साइबर ठग द्वारा महिला के परिजनों को विदेशी व्ही.पी.एन. से संपर्क कर लगातार धमकियां दी जा रही थी। महिला से पूछताछ करने पर यह परिलक्षित हुआ है कि महिला साइबर ठग की बातों में अभी भी है और उसे यह यकीन है कि साइबर ठग अभी कही जेल में बंद है जो कि उसके द्वारा पैसे दिए जान पर छूट सकता है और महिला के जेवर दे सकता है। महिला से विस्तृत पूछताछ करते हुये महिला को परिजनों के सुपुर्द किया जा रहा है। महिला की काउंसलिंग की जा रही है।